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اهل بیت علیهم السلام - العباس بن علی علیهما السلام

    La biographie d’Abbas Ibn Ali (P)

    Naissance et enfance

    Hazrat Ali (P) a épousé Fatma Bint-e-Huzaam Ibne Khalid (P) vers 24 de l'Hégire. Fatimah  a donné naissance à Hazrat Abbas (P) le 4 Shabaan, le 26e de l'Hégire.

    Au 27e de l'Hégire, Jaa'far est né et au 29e de l'Hégire Uthmaan était né. Abdullah est né au 32e de l'Hégire. Comme elle a eu quatre fils, Fatima Binti Huzaam était connu comme Ummul Baneen (Mère des Fils).

    Un Examen de la Vie de Sayeda Ummul-Baneen (P)

    Pourquoi est-il important d’étudier sa biographie ?

    Ummul-Baneen: le Symbole de la Patience

    Tout au long de l’histoire islamique, seule une poignée de femmes ont émergé comme des modèles de féminité parfaite dans tous les domaines légitimes, sociales et religieuses. En plus des quatre femmes leaders du monde des Dames –Bibi Maryam, Bibi Asiya, Bibi Khadija et enfin la principale Bibi Fatima az-Zahraa (que la paix soit sur elles toutes) – il existe d’autres femmes qui ont marqué leur existence à travers l’Histoire de l’Islam et auxquelles nous n’en avons que très peu connaissance.

    वीरता व भाईचारे के प्रतीक हज़रत अब्बास

    वीरता व भाईचारे के प्रतीक हज़रत अब्बास

    सलाम हो अली के सुपुत्र अबल फ़ज़्लिल अब्बास पर जिन्होंने सत्य के ध्वज को ऊंचा रखने के मार्ग में अपने प्राण की आहूति दी और इतिहास में अमर हो गए। सलाम हो उस पर जो सद्गुण व उदारता का सोता था।

    हज़रत अब्बास अलैहिस्सलाम

    हज़रत अब्बास अलैहिस्सलाम
    जब हम आस्था, वीरता और निष्ठा के उच्च शिखर की ओर देखते हैं तो हमारी दृष्टि अब्बास जैसे महान एवं अद्वितीय व्यक्ति पर पड़ती है जो हज़रत अली की संतान हैं। वे उच्चता, उदारता और परिपूर्णता में इतिहास में दमकते हुए व्यक्तित्व के स्वामी हैं। बहुत से लोगों ने धार्मिक आस्था, वीरता और वास्तविकता की खोज उनसे ही सीखी है। वर्तमान पीढ़ी उन प्रयासों की ऋणी है जिनके अग्रदूत अबुलफ़ज़लिल अब्बास जैसा व्यक्तित्व है।

    हज़रत अब्बास अलैहिस्सलाम का जन्मदिवस

    हज़रत अली अलैहिस्सलाम के वीर पुत्र हज़रत अब्बास के शुभ जन्मदिवस पर आप सबकी सेवा में बधाई प्रस्तुत करते हैं। जब हम आस्था, वीरता और निष्ठा के उच्च शिखर की ओर देखते हैं तो हमारी दृष्टि अब्बास जैसे महान एवं अद्वितीय व्यक्ति पर पड़ती है जो हज़रत अली की संतान हैं। वे उच्चता, उदारता और परिपूर्णता में इतिहास में दमकते हुए व्यक्तित्व के स्वामी हैं। बहुत से लोगों ने धार्मिक आस्था, वीरता और वास्तविकता की खोज उनसे ही सीखी है। वर्तमान पीढ़ी उन प्रयासों की ऋणी है जिनके अग्रदूत अबुलफ़ज़लिल अब्बास जैसा व्यक्तित्व है।उसबलिदान और साहस की घटना को घटे हुए अब शताब्दियां व्यतीत हो चुकी हैं किंतु इतिहास अब भी अब्

    हज़रत अब्बास अलैहिस सलाम

    चार शाबान एसे महान व्यक्ति का शुभ जन्म दिवस है जिसका नाम इतिहास में निष्ठा और त्याग का पर्याय बन चुका है। शाबान महीने की चार तारीख़ को हज़रत अली अलैहिस्सलाम के सुपुत्र अब्बास बिन अली का शुभ जन्म दिवस है। अपने भीतर पाए जाने वाले नैतिक गुणों के कारण वे “अबुलफ़ज़्ल” के उपनाम से प्रसिद्ध हुए जिसका अर्थ होता है नैतिक गुणों का स्वामी। आज हम जो इस महापुरूष की याद मना रहे हैं तो वह इसलिए है कि उनकी जीवनशैली सदैव ही लोगों के मोक्ष एवं कल्याण के लिए मार्गदर्शन रही है।

     

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